विश्वास - कविता - संजय राजभर "समित"

विश्वास 
एक मजबूत छत है 
पग-पग पर पनपती संशय से 
बचा लेता है,
एक सामंजस्य है 
जो कठिन परिस्थितियों में भी 
विचलित होने से रोकता है,
एक छतरी की तरह 
भीगने से बचाता है 
प्रगाढ़ प्रेम
आत्मीयता
को छाँव देता है। 

जिस तरह 
रिमझिम बूँदे 
असंख्य जीव-जन्तुओं में 
जीवन का अवसर देती है, 
उसी तरह 
विश्वास भी
मानव जीवन को 
सुखमय बनाती है
लोक व्यवस्था का निर्माण करती है। 

संजय राजभर "समित" - वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

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