इश्क़ का गाँव - कविता - निर्मल श्रीवास्तव

इश्क़ का गाँव - कविता - निर्मल श्रीवास्तव | Hindi Prem Kavita - Ishq Ka Gaanv - Nirmal Srivastava. Hindi Poem on Love | प्रेम पर कविता
इश्क़ का गाँव बना के
हमको भी वहीं बसा दो

कितनो को तुमने बनाया
मेरे लिए इक ना बनाया
मेरे ख़ातिर कोई
बता दो

थोड़े बाग़ों को लगा के
थोड़ा फूलों को जगह दो

थोड़ा पानी थोड़े बादल
थोड़ी गायें थोड़ा काजल
खेतों में धान अच्छे परिधान
थोड़ी चर्चा थोड़ा ख़र्चा
हो जहाँ पर

हमको भी वहीं जगह दो
इश्क़ का गाँव बना के
हमको भी वहीं बसा दो

निर्मल श्रीवास्तव - लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos