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दर्दनाक विमान हादसा - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | अहमदाबाद विमान हादसे पर दोहे
दर्दनाक विमान हादसा - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | अहमदाबाद विमान हादसे पर दोहे
शुक्रवार, जून 13, 2025
दर्दनाक थी हादसा, मौत बड़ा विकराल।
एयर इंडिया का पतन, हालत था बदहाल॥
निर्दोषों की मौत से, फैला हाहाकार।
ढाई सौ से भी अधिक, हुई मौत चित्कार॥
एक मिनट में हादसा, समझ न पाया कोय।
बोइंग एयर इंडिया, घटना भीषण होय॥
थे विमान बैठे सभी, चेहरे पर मुस्कान।
ग़ज़ब काल की क़हर ने, लिया सभी की जान॥
अजब मौत की दास्ताँ, जिह्वा बड़ी कराल।
यान पतन के रूप में, दिया मौत विकराल॥
ऐसी निर्मम हादसा, आपद है घनघोर।
अस्पताल के मेस पर, गिरा मचा बहु शोर॥
लीला अद्भुत ईश की, बचा मात्र विश्वास।
निकल काल के गाल से, किया मौत उपहास॥
अद्भुत साहस धीरता, आत्मबली इन्सान।
निकला जलती यान से, बचा लिया भगवान॥
ईश्वर की इच्छा प्रबल, मार सके नहि कोय।
घिरे मौत की जंग में, जय रमेश की होय॥
घटना से सिहरा वतन, शोकाकुल सब लोग।
विमान क्रैश दहला जगत, इस त्रासद दुर्योग॥
नौनिहाल जो चिकित्सक, दसों गँवाई जान।
जुनियर डॉक्टर मेस पर, टकड़ा गिरा विमान॥
विजय रूपाणी मौत भी, हुई विमानी घात।
भारत के नेता प्रमुख, जननेता गुजरात॥
कवि निकुंज मन वेदना, पीड़ित घटना यान।
शब्द शून्य कवि की कलम, घटना करूँ बखान॥
भरी दर्द सम्वेदना, साहस दें जगदीश।
साश्रु नमन मृत आत्मा, श्रद्धांजलि नत शीश॥
शब्दों में देना कठिन, बयाँ हादसा हाल।
दुर्घटना अति भयावह, शतकों घर बदहाल॥
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