रमाकांत चौधरी - लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)
नीली साइकिल वाली लड़की - कविता - रमाकान्त चौधरी
शनिवार, जुलाई 02, 2022
सुघर सलोनी साँवली सूरत, सुंदर मुखड़े वाली लड़की।
सीधी सच्ची नाज़ुक पतली प्यारी भोली भाली लड़की।
यूँ तो उसकी सारी सखियाँ सब की सब सुंदर ही हैं,
मुझको सुंदर लगती बस नीली साइकिल वाली लड़की।
सुबह सुबह जब चौराहे पर बस की राह तका करता,
अक्सर सामने आ जाती वो नीली साइकिल वाली लड़की।
मेरे पास ठहरकर वो पकड़ाती मुझको लव लेटर,
नहीं किसी से डरती वो नीली साइकिल वाली लड़की।
उसकी चाहत की इससे ज़्यादा क्या तारीफ़ करूँ,
धड़कन बन कर धड़क रही वो नीली साइकिल वाली लड़की।
बात बात पर ग़ुस्सा होना उसकी अदा ग़ज़ब की है,
ग़ुस्से में भी प्यारी लगती नीली साइकिल वाली लड़की।
जिस दिन उससे बात न हो लगता दिन बेकार गया,
मेरी आदत बनी हुई है नीली साइकिल वाली लड़की।
गली नगर के लोग बाग सब कहते मेरे बारे में,
इसको पागल कर डालेगी नीली साइकिल वाली लड़की।
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