मानसून आया - नवगीत - अविनाश ब्यौहार

मानसून आया - नवगीत - अविनाश ब्यौहार | Navgeet - Mansoon Aayaa - Avinash Beohar. मानसून पर नवगीत
झाड़ी-झुरमुट-पेड़ हैं
मानसून आया।

लगी चाँदनी
चंदन जैसे।
होता है
अभिनंदन जैसे॥

झोला भर भर है देखा
परचून आया।

मिट्टी के हैं
खेल खिलौने।
माल बिका है
औने-पौने॥

बंद लिफ़ाफ़े में मानो
मज़मून आया।


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