संदेश
हिन्दी है तो भारत है - कविता - सुनीता रानी राठौर
भारत की प्रतिष्ठा और सम्मान हिन्दी। भारत की विशेषता का प्रतीक हिन्दी। विविधता में एकता भारत की पहचान। भाषाओं की समग्रता हिंदी क…
हताश एकलव्य - कविता - मनोज यादव
ऐ द्रोण तुझे, स्वीकार मै करता फिर से अंगूठा, अर्पण करता। बोल तुझे, और क्या चाहिए क्या मस्तक, गुरु दान करू मैं। प्रतिदिन निश्छल…
जो अंधेरे से रोशनी में लाए - कविता - चन्द्र प्रकाश गौतम
जो अंधेरे से रोशनी में लाए कोयले से हीरा बनाए हम भूल कैसे जाएं ऐसे गुरु को जो बहते नाव को दिशा बताए…
शिक्षक का सच्चा स्वरूप - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
चरित्रवान शिक्षक बनने के लिए शिक्षक को अपने सच्चे स्वरूप का ज्ञान होना चाहिए। शिक्षक को चाहिए कि वह स्वयं के स्वरूप को पहचानते हु…
मानवता - कविता - प्रवीन "पथिक"
देखा बुढ़िया को, घास छिल रही थी पथ के किनारे। अस्थि पंजर ही अवशेष, काया झुकी, त्वचा पर झुर्रियां। बयां कर रही थी उसकी जीवन गाथा।…
फूल और काँटे - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
फूल और काँटे जीवन बन, मधुरिम खूशबू महकती हैं। नित गन्धमाद पंकिल सरोज, सुख दुख तटिनी बन बहती हैं। काँटें नित स…
नवीन स्त्रीवाद - कविता - मनोज यादव
मैं कलंकित अतीत को धिक्कारती हूँ उस कदीमी समाज को धिक्कारती हूँ। मैं स्त्री हूँ, हूँ मैं नारी मैं अब जरा जोर से चिंघाडती हूँ।। …
तीर्थ यात्रा - संस्मरण - सुधीर श्रीवास्तव
बात 2010 की है। मैं अपने ही शहर में एक कारपोरेट कं. में फील्ड वर्कर की हैसियत से कार्य कर रहा था। हमारे शाखा प्रबंधक राकेश कुमार जी…
समाज का आईना - कविता - सूर्य मणि दूबे "सूर्य"
औरत है तुम्हारे समाज का आईना, खुद को देखो और पहचानों। कैसे दिखते हो तुम असल में, अपनी असलियत भी जानों।। कुछ शब्दो की माला, ये क…
नज़रें बदलो - कविता - कपिलदेव आर्य
नज़रें बदलो नज़ारे बदल जायेंगे, डटे रहे, तो सितारे बदल जायेंगे! देर से ही सही, मेहनत रंग लाती है, चल पड़ोगे तो किनारे मिल जायें…
इश्क़ हैं - नज़्म - अंकित राज
उसकी New Profile को बिना झपके घंटो देखती हैं तुम्हारी भी पलकों की पंखुड़ियां ..... तो इश्क़ हैं !! उसकी Typing पे ख़ुशी से का…
मैं शिक्षक निर्माणक हूँ - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
शिक्षण हेतु बना मैं शिक्षक, नीति रीति पथ परिपोषित हूँ। नव जीवन नवयुग आधानक, मैं नित शिक्षक निर्माणक हूँ। विनयशील हो त्याग…
सर्वपल्ली डा. राधाकृष्णन: महान व्यक्तित्व - आलेख - सुधीर श्रीवास्तव
प्रख्यात दर्शन शास्त्री, महान हिंदू विचारक, चिंतक, शिक्षक सर्वपल्ली डा.राधाकृष्णन का जन्म 05 सितम्बर 1888 में मद्रास (अब चेन्नई) से…
शिक्षक - कविता - अंकुर सिंह
प्रणाम उस मानुष तन को, शिक्षा जिससे हमने पाया। माता पिता के बाद हमपर, उनकी है प्रेम मधुर छाया।। नमन करता उन गुरुवर को, शिक्षा दें मुझ…
धरती के दिनकर - मुक्तक - सुषमा दीक्षित शुक्ला
तमतोम मिटाते हैं जग का , शिक्षक धरती के दिनकर हैं । हैं अंक सजे निर्माण प्रलय , शिष्यों हित प्रभु सम हितकर हैं । शुचि दिव्य ज्…
शिक्षक आत्मिक दर्शन - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
क्या लिख दूं मैं चरणों की गाथा जिन चरणों में है स्वर्ग बसा, निरंकार मैं की ज्योति से ही साकार ब्रह्म ने रूप धरा, राम वही है कृष…
नारी और न्याय - कविता - सुनीता रानी राठौर
नारी सशक्तिकरण का सर्वत्र नारा है, नारी और न्याय शब्द मात्र छलावा है। नारी अस्मिता हर पल घिरा खतरे में, नारी शोषण का दिखता बोलबाल…
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