संदेश
आओ कुल्हड़ में चाय पीते हैं - ग़ज़ल - समीर द्विवेदी नितान्त
आओ कुल्हड़ में चाय पीते हैं चन्द लम्हें सुकूँ के जीते हैं क्या बताएँ ए दोस्त तेरे बिन सारे लम्हात रीते-रीते हैं रम औ' व्हिस्की तुम…
इस ज़िंदगानी में कहूँ इतना कमाया आज तक - ग़ज़ल - हरीश पटेल 'हर'
अरकानः मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन मुस्तफ़इलुन तक़ती: 2212 2212 2212 2212 इस ज़िंदगानी में कहूँ इतना कमाया आज तक जो भी लिख…
थे कभी हम-नफ़स हमराहों की तरह - ग़ज़ल - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
थे कभी हम-नफ़स हमराहों की तरह मिलते अब महज़ वो बेगानों की तरह इश्क़ की राह ना थी मुक्कमल कभी बे-क़बूल अनसुलझे अफ़सानों की तरह मुद्दतों स…
मिट्टी में भी खेलते थे, बारिशों में भी नहाते थे - ग़ज़ल - रोहित सैनी | बचपन पर ग़ज़ल
अरकान: फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन फ़ा तक़ती: 2122 2122 2122 2122 2 मिट्टी में भी खेलते थे, बारिशों में भी नहाते थे जून …
जो सच सबको बताना चाहता हूँ - ग़ज़ल - अरशद रसूल बदायूनी
अरकानः मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन तक़्तीः 1222 1222 122 जो सच सबको बताना चाहता हूँ वही ख़ुद से छुपाना चाहता हूँ तिरे ग़म की अमानत हैं ज…
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ हिन्दू, मुसलमाँ या दलित - ग़ज़ल - सूर्य प्रकाश शर्मा 'सूर्या'
सिर्फ़ मरते हैं यहाँ हिन्दू, मुसलमाँ या दलित अब किसी भी जगह पर मरता नहीं है आदमी बँट गए अब तो स्वयं भगवान कितनी जाति में अब सभी की अर्…
सीने से जो लगाता था तस्वीर क्या हुई - ग़ज़ल - ममता गुप्ता 'नाज'
सीने से जो लगाता था तस्वीर क्या हुई, दिल में बसी थी तेरे जो वो हीर क्या हुई। लेने लगे हैं काम ज़ुबाँ से वो आजकल, उनकी निगाहे नाज़ की शमश…
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर