संदेश
हिंदी भाषा के समक्ष चुनौतियाँ - आलेख - डॉ॰ ममता मेहता
हिंदी भारत की राष्ट्र भाषा होने के साथ जनभाषा भी है। यही वह भाषा है जिसने कश्मीर से कन्याकुमारी तक संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बाँध र…
हिंदी की थाती - कविता - विनय विश्वा
हिंदी हिंदुस्तान की या हिंदुत्व या भाषा! जिसमें आशाएँ बहुत हैं बशर्ते की वह ओढ़ा हुआ न हो उसका अपना स्वाभिमान हो अपनी तरह से जीने की …
मैं हिन्दी हूँ - कविता - गणेश भारद्वाज
मैं भारत के जन-जन की बोली हूँ, कितनी ही बहनों की हमजोली हूँ। जनमानस के प्राणों में बसती हूँ, तुतलाते बोलों से में हँसती हूँ। पढ़ने लिख…
हिन्दी - कविता - हिमांशु चतुर्वेदी 'मृदुल'
मैं हिन्दी हिंदुस्तान की, गाथा अमर सुनाती हूँ। हूँ गौरव हर ललाट का, हर प्रांत में पाई जाती हूँ। गीत, संगीत, भजन, कहानी, और साहित्य का …
हिंदी का अस्तित्व - कविता - दीपा पाण्डेय
आज़ादी का बिगुल बजा था स्वप्न सँजोई थी हिंदी, मेरा ही वर्चस्व रहेगा यही सोचती रहती थी। सोलह बरस जब बीत गए थे अंग्रेजी ही छाई थी, सम्पूर…
हिंदी से है हिंद हमारा - कविता - अनूप अंबर
माँ की ममता के जैसी, सुंदर सी हमारी हिंदी। सारी दुनियाँ कुछ भी बोले, मेरी तो महतारी हिंदी॥ ख़ुशियों की किलकारी हिंदी, पुष्पों की फ…
हिंदी प्राण-शृंगार - कविता - ईशांत त्रिपाठी
जड़ता के पट टूट गिरें, अब चमक उठा मन द्वार हो, जब से मन में दीप बने है, हिन्दी कवियों के काव्य हो। कौन जरा, क्या व्याधि, क्यों तमस तहल…