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सावन के आँगन में मेघा घिर आए रे - गीत - श्याम सुन्दर अग्रवाल
सावन के आँगन में मेघा घिर आए रे, धरती की माँग भर जल किसान गीत गाए रे, सावन के आँगन में मेघा घिर आए रे। खेतों में बीज पड़े, दानों ने मु…
सावन को आने दो - कविता - मयंक द्विवेदी
पतझड़ की अग्नि में जल जाने दो, विरह वेदना के स्वर गाने दो, हर शाख़-शाख़ हिसाब लेगी, समय सावन का आने दो। पर्ण-पर्ण छिन्न हो तो हो, शाख़-शा…
ऐ सावन! - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ऐ सावन! तेरे रूप हैं कितने? कोई कहे तुझे बेदर्दी रे, कोई सजाए मीठे सपने, ऐ सावन! तेरे रूप हैं कितने? ख़्वाबों की ताबीर किसी की पूरी होत…
बरसे बादल - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
बरसे बादल क्रोध भरे, नश्वरता का बोध भरे। इतना पानी आँखों में, जाने कैसे रोध करे। कुछ तो सावन का असर, उस पे नयन मोद भरे। पार का स…
लो आ गया सावन - कविता - रमाकान्त चौधरी
लो आ गया सावन, खिल उठे उपवन, चहकी हरियाली। पेड़ों को मिला नवजीवन लो आ गया सावन। आग बरसाते तपते भास्कर, सिर पर तनी धूप की चादर। गर्म हवा…
सावन और माँ का आँगन - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मुस्कान खिली ऋतु पावस मुख, आनंद मुदित मधु श्रावण है। फुलझड़ियाँ बरखा हर्षित मन, नीड भरा माँ का आँगन है। महके ख़ुशबू बरसात घड़ी, भारत …
बार-बार यह सावन आए - कविता - राजेश 'राज'
करें गगन में मेघ गर्जन, करे चपला घनघोर नर्तन। हुए पागल उन्मुक्त बादल, घुमड़ रहे ले जल ही जल। यह विराट दृश्य मन भाए, बार-बार यह सा…