संदेश
शब्दनाद - कविता - सुशील शर्मा
करो कितना ही उपहास मेरा, नहीं तोड़ूँगा अपना मौन। न अपनी संवेदनाओं को करूँगा विस्मृत, न ही अनुवादों में जीकर, मूल को भूलूँगा। मैं रचत…
व्यर्थ नहीं - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी
आसान सी भाषा का कठिन शब्द दूजे की निगाह का ज्ञान लब्ध मेरा वैसे कोई अर्थ नहीं पर ज्ञान के माफिक... व्यर्थ नहीं। समरथ है बस नाम का समरथ…
मैं नहीं कवि जो लिखता हूँ - कविता - लखन अधिकारी
मैं नहीं कवि जो लिखता हूँ शब्दों को पीता हूँ लिखकर उगलता हूँ तराश-तराश कर चयन कर वेदनाओं में ढलता हूँ सोचता हूँ, समझ कर, कुछ-कुछ …
'ण' माने कुछ नहीं - कविता - सतीश शर्मा 'सृजन'
पाठशाला में जब जाते थे, गुरुजी ख़ूब समझाते थे। गिनती ककहरा का था ठाठ, पहली कक्षा का यही पाठ। क से कबूतर, ख से खरगोश, च से चरखा ज से जोश…
शब्द तुम्हारे ज़रूर मिलेंगे - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी | हिंदी भाषा पर कविता
ऐ हिन्दी! तुम्हारी बदौलत, बहुतों ने पाई है शोहरत, हर ओर तुम्ही तुम रहो सदा, हमारी है बस इतनी चाहत। भाषाओं की कठिन डगर में, हम नहीं खड़े…
लफ़्ज़ों के फूलें - कविता - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
लफ़्ज़ों के फूलें मनभावन, आनंद सकल सुख देता है। नव प्रभात अरुणिम मुस्कानें, मधुरिम मिठास दे जाता है। लफ़्ज़ों का रस अनमोल सुखद, संत…
शब्द - कविता - अपराजितापरम
माेती भी हैं और पत्थर भी, आरोप-प्रत्यारोप भी, हमेशा घिरे रहते हैं हम इनसे..., सीमाएँ बाँध कर भी, जाे सीमित नहीं... कभी उदास मन में सू…