संदेश
बचपन - कविता - प्रवीन 'पथिक'
है याद आती, वह बातें पुरानी, वही प्यारा क़िस्सा, वह बीती कहानी। याद आता वह तेरा मुस्काता चेहरा, थी होती लड़ाई, पर था प्रेम गहरा। जब भी …
बचपन के दिन - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कितने सुंदर, बेमिसाल थे, छुटपन के दिन बचपन के दिन, रह ना पाते सखियों के बिन। रह ना पाते सखियों के बिन। खेलकूद थे मस्ती थी, काग़ज़ वाली क…
याद आते हो तुम - गीत - सूरज 'उजाला'
याद आते हो तुम, याद आते हो तुम जब कभी आँख से दूर जाते हो तुम व्हाट्सएप पे वो एसएमएस जो देखा सबा कुछ तो लिखते हो और फिर मिटाते हो तुम म…
याद तुम्हारी मैं बन पाता - गीत - रमाकान्त चौधरी
याद तुम्हारी मैं बन पाता तो जीवन जीवन होता। मुझे बुलाती ख़्वाबों में तुम अपना मधुर मिलन होता। रोज़ मुझे तुम लिखती पाती, उसमें सब सपने ल…
मर्म-स्मृतियाँ - कविता - प्रवीन 'पथिक'
आँखों मे डर का ख़ौफ़, दिल मे भयानक मंज़र, मन मे अप्रत्याशित आशंका, और जीवन से मोह भंग– निविड़ता से उत्पन्न दुःख की ऐसी सूक्ष्म अनुभ…
यादें - कविता - ब्रज माधव
ऊँची आलमारी पर रखी कोई धूल में लिपटी किताब उसके फटे पन्ने की अधूरी कहानियों को कोरे काग़ज़ पर एकाकी गुनगुनाते किसी याद से जन्म लेती है …
अनोखा स्वप्न - कविता - प्रवीन 'पथिक'
हर उदासी की, एक कहानी होती है। जिसे पढ़ना, सब पसंद करते हैं। भोगना नहीं। हर कहानी में एक दर्द होता है! जो भले हृदय में न हो, पर,…