संदेश
मुझे कुछ कहना है - कविता - सुशील शर्मा | एक प्रेम कविता
सुनो तुमसे एक बात कहना है मुझे यह नहीं कहना कि तुम बहुत सुंदर हो और मुझे तुमसे प्यार है। मुझे प्यार का इज़हार भी नहीं करना मुझे कहना है…
प्रेम कोई व्यापार नहीं है - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
प्रेम कोई व्यापार नहीं है, अन्तर्मन का भावामृत है। निर्मल शीतल गूंजित हियतल, आँखों में भाव सृजित है। तन मन धन अर्पण जीवन पल, नव वसन्त …
आकर्षण पर प्रेम की कविता - कविता - सुरेन्द्र प्रजापति
उसे आकर्षित करने के लिए मैंने एक शब्द लिखा 'मुक्ति' उसने अस्वीकार कर दिया दूसरा शब्द लिखा 'विश्वास' उसकी आँखे करुणा से…
शायद तुम नहीं मानोगे - कविता - लक्ष्मी सगर
शायद तुम नहीं मानोगे। अगर मैं कहूँ तुम्हारी साँसें जैसे हवा में घुलती कोई इत्र की ख़ुशबू जिनमें मैं गुम हो जाना चाहती हूँ॥ और तुम्हारी …
तुम्हारी तस्वीर - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
देखी जो मैंने तुम्हारी तस्वीर, छलक उठा मन, हुआ अधीर। मुख चंद्र-सा, नयन कजरारे, जैसे हो फूलों के बीच सितारे। अधरों पर मृदु मुस्कान खिले…
बस! रहो तुम मेरे पास प्रिये - कविता - प्रवीन 'पथिक'
जीवन क्या एक पतझड़ है! खिलना और बिखरना है, दुःख का तो आना जाना है। गिरना फिर उठकर चलना है। जब याद तुम्हारी आती है, आँखों में आँसू आते …
तुम्हारी तस्वीर - कविता - शुभोदीप चट्टोपाध्याय
विद्रोह के ज़माने में मैं जब भी अपने कलम से प्रेम लिखने को कहता था उसकी नसे सिकुड़ जाती थी। तब कलम को प्रोत्साहन और हृदय को चेतना देने…
मेरे दिल की बस्ती में - गीत - रमाकांत सोनी 'सुदर्शन'
फ़ुर्सत हो तो आ जाना तुम मेरे दिल की बस्ती में। मैं राही हूँ बहारों का तुम बैठ जाना मेरी कश्ती में। मेरे दिल की बस्ती में मधुर तराने गी…
प्रेम - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
प्रेम धरा है, प्रेम गगन है, प्रेम तपन है, प्रेम शयन है। प्रेम श्वास है, प्रेम प्राण है, प्रेम जीवन का संज्ञान है। किरणों जैसा कोमल स्प…
आओ बैठो पल-दो-पल - गीत - प्रमोद कुमार
मेरा पहला प्यार तुम्हीं थे, जीवन का आधार तुम्हीं थे, चंपा-कुसुम-चमेली जैसी, मधुमय रस-शृंगार तुम्हीं थे। पर छोटी-सी बात को लेकर जिस दिन…
तुम कहो तो सही - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
हम सँवर जाएँगे, तुम कहो तो सही। गीत रच जाएँगे, तुम सुनो तो सही। हम पिघल जाएँगे, तुम छुओ तो सही। ख़ुद को खो देंगे, तुम रुको तो सही। प्रे…
आँखों में नमी हैं - कविता - कर्मवीर 'बुडाना'
क्यूँ जा रहे हो यार, मुझमें क्या कमी हैं, झूठा नहीं हूँ मैं, देख, आँखों में नमी हैं। मेरे दिल में बह रही प्रेम की ठंडी बयारें, फिर भी …
पछतावा - गीत - संजय राजभर 'समित'
आज बहुत पछताता हूॅं मैं, नाहक उसे रुलाया था। वो थी सच्ची प्रेम दिवानी, आख़िर क्यों ठुकराया था? लिए निवेदन घुटनों के बल, बाॅंवरी गिड़गिड…
सीने से जो लगाता था तस्वीर क्या हुई - ग़ज़ल - ममता गुप्ता 'नाज'
सीने से जो लगाता था तस्वीर क्या हुई, दिल में बसी थी तेरे जो वो हीर क्या हुई। लेने लगे हैं काम ज़ुबाँ से वो आजकल, उनकी निगाहे नाज़ की शमश…
औरों की तरह - कविता - निखिल 'प्रयाग'
औरों की तरह हम तुम्हें नहीं देना चाहते साज शृंगार की वस्तुएँ... हम तो दे सकते है तुम्हें; 'किताबें' और शुद्ध सत्य तथा शास्वतत…
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया - गीत - रजनीश तिवारी 'अनपढ़ माशूक़'
हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया लखि छवि तोरी हुई मैं बवरिया हृदय नयन तरसे ऐ संवरिया... प्रेम अमिय बरसे नित सुंदर रूप कनक अति बदन मनोहर सुंदर र…
बोल उठे नयन - गीत - अतुल पाण्डेय 'बेतौल'
नैनों ने सुन ली बातें सब, कही जो तुम्हारे नैनों ने, समझी कानों ने भाषा वो, बोली जो तुम्हारे गहनों ने। अरदास तुम्हारे दिल की, पहुँची मे…
बिखरे ना हमारा बंधन - कविता - अंकुर सिंह
अबकी जो तुमसे बिछड़ा, जीते जी मैं मर जाऊँगा। रहकर जग में चलते फिरते, ज़िंदा लाश कहलाऊँगा॥ रह लो शायद तुम मुझ बिन, पर, मेरा जहाँ तुम बिन…
मेरे गीतों में - गीत - अतुल पाण्डेय 'बेतौल'
मेरे गीतों में अक्सर दिखता है एक अक्स घूँघट में, सब पूछते हैं मुझसे, जा उलझे हो किसकी लट में। कौंधता है कोई मेरी स्याही में, हर्फ़ बन क…
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