संदेश
विधा/विषय "पत्नी"
वरमाला - कविता - अंकुर सिंह
मंगलवार, जनवरी 05, 2021
जयमाला पर जब तुम मिलोगी, तुम्हारे हाथों में वरमाला होगी। नज़र झुकाए प्रिय तुम होगी इशारों से हममें सिर्फ बातें होंगी।। तुम्हारी सहेलिया…
आभार अर्धांगिनी - कविता - अंकुर सिंह
मंगलवार, दिसंबर 08, 2020
हम बस प्रिय-प्रिये नहीं, हम कदम-कदम के साथी हैं। हम बस दो जिस्म नहीं, हम जन्मों-जन्म के साथी है।। तुम ही हो मेरी सब खुशियाँ, तुम्…
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