संदेश
यार रखना तो यार पुराने रखना - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
चाहे साथ अपने ज़माने रखना यार रखना तो यार पुराने रखना वो बचपन का साथी न भूले कभी भी झूठों का डेरा कुछ उसमें सही भी याद बिसरे नहीं उसको …
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
१ जुम्मन शेख़ और अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी। साझे में खेती होती थी। कुछ लेन-देन में भी साझा था। एक को दूसरे पर अटल विश्वास था। जु…
मित्र - कविता - राजेश 'राज'
तुम्हारा जब दिल करे फ़ोन या मैसेज के बिना किसी भी समय मुझसे मिलने चले आना, कोई भी औपचारिकता पूरी करने का ख़्याल मन में भूलकर भी मत लाना…
है मित्र ही सुवृंद भी - कविता - राघवेंद्र सिंह
है मित्र ही सुवृंद भी, है इत्र की सुगन्ध भी। चरित्र में प्रबन्ध भी। अनंतकोटि बन्ध भी, है राम वो है, कृष्ण भी, सुदामा की है तृष्ण भी। स…
मित्र - मुक्तक - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
मित्र तुम्हारा हृदय सिन्धु है तुम नाविक हो वह पतवार, साथ तुम्हारे रह कर करता भंवर और भवनद को पार। क्षीर-नीर का वही विवेचक यक्ष प्रश्न …
संधि की शर्तों पे कायम हो गई है दोस्ती - ग़ज़ल - प्रशान्त 'अरहत'
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती : 2122 2122 2122 212 संधि की शर्तों पे कायम हो गई है दोस्ती, अब नए आयाम गढ़ती जा …
सच्ची उड़ान - कविता - सचिन कुमार सिंह
जब मिले दोनों थे एक-दूसरे से अनजान, नहीं पता था होगी एक वक़्त सच्ची उड़ान। वक़्त गया चलता हुई दोनों की पहचान, नहीं पता था होगी एक वक़्त स…