संदेश
एक अर्घ्य शौर्य को - कविता - गोकुल कोठारी
असंख्य सूर्य रश्मियों से प्रदीप्त ये धरा, तेजवान के लिए क्या तिमिर क्या जरा। सैकड़ों हों घटा या सैकड़ों हों ग्रहण, वो बिखेरे किरण कर र…
हे सूर्य देव! - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
हे सूर्य देव! हे ज्योतिपुंज! तमतोम मिटा दो जीवन का। ज्योतिर्मय राहें दिखला दो, दुःख क्लेश मिटा दो जीवन का। तुमसे ही है ये जग निरोग, त…
छठ पूजा - कविता - सतीश शर्मा 'सृजन'
छठ की पूजा की सारी महिमा शास्त्र हमें बतलाते हैं, छठ देवी का अर्चन कर जन मनवांछित फल पाते हैं। वैदिक काल से चला आ रहा है यह मंगल पर्व,…
आस्था का महापर्व छठ - लेख - कुमुद शर्मा 'काशवी'
“पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया बरत तोहार। करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक ग़लती हमार।” “घरे घरे होता माई के बरतिया...” दीपावली बितते-बितते…
सुर्य देव की उपासना - कविता - संजीव चंदेल
सुर्य देव की हम उपासना करें माँगें सुख और शांति, हर काम सफल हो भगवन रहे न कोई भ्रांति। सुरज की भाँति सबका जीवन दमकता रहे चमकता रहे, घर…
छठ पर्व - लेख - सुनीता भट्ट पैन्यूली
जल-लहरियों में आस्था और विश्वास के रंगों में सजी, शृंगार-विन्यास में व्रतधारी स्त्रियाँ दूर पहाड़ों पर नीम-कुहासे को पछाड़ कर आसमान की…
छठ पूजन दें अर्घ्य हम - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
आदिदेव आदित्य अर्घ्य दूँ, धन मन जन कल्याण जगत हो। पूजन दें छठ अर्घ्य साँझ हम, हरें पाप जग मनुज त्राण हो। राग द्वेष हर शोक मनुज जग, हर…