संदेश
असफलता से सीखें - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सदा पराजय आलसी, व्यसन कलह संलग्न। मुफ़्तखोर निन्दक मनुज, दंगा हिंसा मग्न॥ अहंकार पद पा मुदित, मदमाता इन्सान। पराजय विचलितमना, खो विव…
नीलकंठ दर्शन विहग - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
खल कामी हिंसक दनुज, हो विनाश नवरात्र। महादेव विषपान से, नीलकंठ शिव गात्र॥ विजयादशमी मांगलिक, रखें जयन्ती शीश। नीलकंठ दर्शन विहग, प्…
नमन - मनहरण घनाक्षरी छंद - महेश कुमार हरियाणवी
खगोलीय जहान हो, या गूँजता विमान हो, अपने तिरंगे का तो, अलग मक़ाम है। तकनीक का है जोर, चमके हैं चारों ओर, पैर धरती पे म्हारे, हाथ में लग…
माँ नव दुर्गा पचासा - चौपाई छंद - सुशील कुमार
दोहा:- मातु पिता गुरु नाय सिर, प्रथम मनाय गणेश। कारज आय सॅंवारिए, बह्मा, विष्णु, महेश॥ जय जय माँ जगदम्बिका, करो कंठ में वास। कीरति गाऊ…
जय माता दी वन्दना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शुक्ला आश्विन मंगला, शारदीय त्यौहार। नव दुर्गा आराधना, कीर्ति मिले सुख सार॥ अभिनन्दन स्वागत करें, नवरात्रि त्यौहार। पूजन नित नवशक्त…
हनुमान - सवैया छंद - सुशील कुमार
सीय हरी जब रावण सिंधु को लांघि मिलाए दिए बजरंगी। रावण के अभिमान गुमान का लंक जलाए दिए बजरंगी॥ प्रश्न उठा जब राम की भक्ति प्रमाण दिखा…
बदलो जीवन चरित को - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
बदलो जीवन चरित को, भर पौरुष सतरंग। रखो भाव पावन हृदय, भारत भक्ति उमंग॥ बढ़ो अटल संकल्प पथ, बनो राष्ट्र पहचान। परमारथ पौरुष सफल, परह…
हृदय - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शक्ति भक्ति सम्प्रीति रस, मधुरिम हो संसार। दया क्षमा करुणा हृदय, मानवता आधार॥ नवप्रभात अरुणिम हृदय, सुखद प्रगति शुभ देय। खिले कुसुम…
दिनकर-स्मृति - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' पर दोहे
सिंहनाद भारत विजय, दिनकर सम आलोक। रग-रग धारी-शौर्य बल, राम नाम हर शोक॥ अलख जगाता क्रान्ति का, रश्मिरथी निर्बाध। अमर प्रेम पुरु उर्व…
श्री गणेश चतुर्थी - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
चरण कमल श्रद्धा नमन, करूँ गजानन आज। उमातनय परमेश भज, स्वस्ति लोक गणराज॥ रक्तांबर पूजन करूँ, लम्बोदर विघ्नेश। गजमुख वरदायक नमन, जय ग…
हिंदी भाषा - कुण्डलिया छंद - सुशील शर्मा
1 लहराती द्युति दामनी, घोल मधुरमय बोल। हिंदी अविचल पावनी, भाषा है अनमोल॥ भाषा है अनमोल, कोटि जन पूजित हिंदी। फगुवा रंग बहार, गगन मे…
रक्षा बंधन - कुण्डलिया छंद - सुशील शर्मा
1 चन्दन जैसा महकता, भ्रात बहिन का प्यार। कच्चे धागे से बँधा, रिश्ता ये सुकुमार॥ रिश्ता ये सुकुमार, बहिन है दिल का टुकड़ा। उर में हो …
चन्द्रयान है चाँद पर - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
चन्द्रयान है चाँद पर, इसरो स्वप्न महान। धन्यवाद वैज्ञानिकों, भारतीय विज्ञान॥ आरोहण साफल्यता, अविरत शोध प्रयास। चन्द्रयान अब सोम पर,…
माँ - दोहा छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
माँ को पूजिय रे मना धरि चरनन में शीश। सफल होय जीवन मनुज देहिं ईश आसीस॥ माता की रज माथ धरि बड़े बनत हैं लोग। आशिष ऐसो कवच है भागैं दुःख…
पन्द्रह अगस्त - त्रिभंगी छंद - संजय राजभर 'समित'
आ जोड़ ले हस्त, पन्द्रह अगस्त, शुभ दिन अपना, आया है। स्वतंत्रता का दिन, शहीद अनगिन, तब जाकर यह, पाया है। ऑंखें भर आती, याद दिलाती,…
राम - सवैया छंद - सुशील कुमार
राम के नाम सा नाम नहीं जग संत कहें श्रुति चारि बखानी, राम कथानक राम स्वयं बिन राम नहीं कहीं राम कहानी। राम बिना नहिं राम कहीं बस राम…
याचना - ताटंक छंद - संजय राजभर 'समित'
जीवन क्या है यही समझने, गंगा जल भर लाया हूँ। महादेव! मैं याचक बनकर, तेरे दर पे आया हूँ। बने न बंजर धरती सारी, विष का प्याला पी डा…
सावन में शिव अर्चना - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
सावन में शिव अर्चना सोम दिवस अति नेम। अवढर दानी चाहते शुद्ध सरल शुचि प्रेम॥ शुद्ध सरल शुचि प्रेम दूध घी चन्दन वारो। जप लो नमः शिवाय…
बरसा ऋतु मन भावन - मनहरण घनाक्षरी छंद - राहुल राज
बरसा की ऋतु मन भावन सुभावन है, तन मन डाले संग उठत उमंग हैं। हरियाली ख़ुशहाली लाई ऋतु मतवाली, ताली बजा बजा नाचे सब एक संग हैं। ख़ुश ह…
शिव ही सत्य है - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
दुनियाँ शिव ही सत्य है, महिमा अपरंपार। अन्तर्मन विश्वास से, हों प्रसन्न ओंकार॥ सदा अजन्मा चिरन्तन, बाघम्बर वागीश। भक्ति प्रेममय शिव…
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