संदेश
चाहता हूँ - कविता - गणेश भारद्वाज
जाने दो मुझे, चाँद के घर थोड़ी शीतलता उधार लाना चाहता हूँ। उतरने दो मुझे, थोड़ा और गहरा मोती सागर तल से लाना चाहता हूँ। गाने दो मुझे, …
मस्त मगन - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी
मस्त मगन मैं रहना चाहूँ, ख़ुद में झर-झर बहना चाहूँ। ख़ुद से ख़ुद का हाल बताऊँ, ग़लत-सही का फ़र्क़ बताऊँ। झिझक से कोसों दूर रहूँ, कह लूँ, जो …
झाँक कर दिल में कभी मैं देखूँ जब भी आरज़ू - ग़ज़ल - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती : 2122 2122 2122 212 झाँक कर दिल में कभी मैं देखूँ जब भी आरज़ू, पा ही जाता हूँ हम…
और चाहिए क्या मुझे? - कविता - राजेश 'राज'
अपने ही साथ से अपनी सौग़ात से अटूट विश्वास से प्रेम की सुवास से निभाइएगा मुझे? और चाहिए क्या मुझे? एक आवाज़ पर एक ही साज पर एक ही चाह…
चाहत - कविता - गणेश दत्त जोशी
तेरी ख़ुशबू से पल-पल महकता रहा है मेरा, भला और क्या मैं चाहूँ? हर क्षण हर पल बस तेरा ही साथ माँगूँ। तू ही तो बसा है मेरे रोम-रोम में, …
ख़्वाहिश - कविता - सैयद इंतज़ार अहमद
अब मुझे शोहरत की लालच भी नहीं, है मुझे दौलत से निस्बत भी नहीं, चाहता हूँ, जी लूँ अब यूँ ज़िंदगी, बनके एक गुमनाम सा बस आदमी। मैंने देखे …
अर्पित करना चाहूँ - कविता - इन्द्र प्रसाद
सूरज की किरणें जब आ करके जगाती हैं। कलियाँ प्रतिउत्तर में खिलकर मुस्काती हैं॥ ये मौन दृश्य सारा दिल को छू लेता है। उस जगतनियंता की अन…