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विधा/विषय "चाँदनी"
बादलों में प्रिय चाँद छिपा है - कविता - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सोमवार, जनवरी 09, 2023
बादलों में प्रिय चाँद छिपा है, मस्ती उसमें आन पड़ा है। देख प्रिया रजनी अति भोली, नवप्रीता अब चन्द्रकला है। ख़ुशीनुमा सुनहली शाम है,…
चाँदनी - कविता - अवनीत कौर 'दीपाली'
सोमवार, मार्च 14, 2022
नभराज तारकेश्वर ने तारिका नक्षत्रों की सभा बुलाई चन्द्रप्रभा रानी श्वेत पोशाक में सज कर आई शीतल सौम्य हवा भी स्वागत कर इतराई तारों ने…