संदेश
करो मात-पिता सेवा - मनहरण घनाक्षरी छंद - अजय कुमार 'अजेय'
करो मात-पिता सेवा, मिले जीवन मे मेवा, ऐसे महानुभाव का, भाग्योदय मानिए। सदा सेवा भाव रखे, मान सम्मान भी करे, जग में सबसे बड़ा, बादशाह ज…
नमन - मनहरण घनाक्षरी छंद - महेश कुमार हरियाणवी
खगोलीय जहान हो, या गूँजता विमान हो, अपने तिरंगे का तो, अलग मक़ाम है। तकनीक का है जोर, चमके हैं चारों ओर, पैर धरती पे म्हारे, हाथ में लग…
बरसा ऋतु मन भावन - मनहरण घनाक्षरी छंद - राहुल राज
बरसा की ऋतु मन भावन सुभावन है, तन मन डाले संग उठत उमंग हैं। हरियाली ख़ुशहाली लाई ऋतु मतवाली, ताली बजा बजा नाचे सब एक संग हैं। ख़ुश ह…
सादगी - मनहरण घनाक्षरी छंद - रमाकांत सोनी 'सुदर्शन'
सत्य शील सादगी हो, ईश्वर की बंदगी हो। आचरण प्रेम भर, सरिता बहाइए। संयम संस्कार मिले, स्नेह संग सदाचार। शालीनता जीवन में, सदा अपना…
मन में रही नहीं - घनाक्षरी छंद - अभिषेक बाजपेयी
सत्य से जुड़ा सदैव ही रहा हूँ जीवन में, झूठ की कुसंग बचपन से रही नहीं। अधिकार छीनते जो उनसे लड़ा हूँ किंतु, धर्म के विरुद्ध शक्ति त…
धनतेरस - मनहरण घनाक्षरी छंद - रमाकांत सोनी
धन की देवी लक्ष्मी, सुख समृद्धि भंडार। यश कीर्ति वैभव दे, महालक्ष्मी ध्याइए। नागर पान ले करें, धूप दीप से पूजन। दीप जला आरती हो, र…
हिंदी भाषा - घनाक्षरी छंद - रविंद्र दुबे 'बाबु'
हिन्दी भाषा जानो! हिन्द जो है मेरा अभिमान, मातृभू की वंदनीय, भाषा सुखदायी है। सरल सहज तान, स्वर लय माला गीत, पहचान हमारी जो, हिन्दी…